NOT KNOWN FACTS ABOUT HANUMAN CHALISA

Not known Facts About hanuman chalisa

Not known Facts About hanuman chalisa

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युग सहस्त्र जोजन पर भानु का अर्थ क्या है? हनुमान चालीसा में सूर्य की दूरी और वैज्ञानिक तथ्यों का रहस्य

“Pains will likely be removed, all afflictions are going to be absent of who remembers Hanuman the mighty brave a single.”

jaladhiJaladhiOcean lānghi gaye Lānghi gayeJumped acharajaAcharajaSurprised nāhīNāhīNo That means: Holding the ring of Lord Rama with your mouth, you leapt the ocean to Lanka, there isn't a surprise in it.

Sādhu SādhuGood people / monks / renunciates santaSantaSaint keKeOf tumaTumaYou rakhavāreRakhavāreKeeper / guardian

The video will likely allow you to examine and learn the Hanuman Chalisa rapidly as it shows Just about every lyric for just a couple seconds. Although, I recommend taking your time to understand it in 40 days. Should you repeat it above 100 times then you’ll memorise it simply!

Eventually, Rama revealed his divine powers since the incarnation in the God Vishnu, and slew Ravana and the rest of the demon army. Last but not least, Rama returned to his household of Ayodhya to return to his position as king. Immediately after blessing all those who aided him within the fight with presents, Rama gave Hanuman his reward, which Hanuman threw away.

तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर ।

मुक्ति के चार प्रकार हैं – सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य एवं सायुज्य। यहाँ प्रायः सालोक्य मुक्ति से अभिप्राय है।

आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द: भजन

भावार्थ– हे हनुमान् स्वामिन् ! आपकी जय हो ! जय हो !! जय हो !!! आप श्री गुरुदेव की भाँति मेरे ऊपर कृपा कीजिये।

सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे ।

सत्संग के द्वारा ही ज्ञान, विवेक एवं शान्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ श्री हनुमान check here जी सत्संग के प्रतीक हैं। अतः श्री हनुमान जी की आराधना से सब कुछ प्राप्त हो सकता है।

यहाँ हनुमान जी के स्वरूप की तुलना सागर से की गयी। सागर की दो विशेषताएँ हैं – एक तो सागर से भण्डार का तात्पर्य है और दूसरा सभी वस्तुओं की उसमें परिसमाप्ति होती है। श्री हनुमन्तलाल जी भी ज्ञान के भण्डार हैं और इनमें समस्त गुण समाहित हैं। किसी विशिष्ट व्यक्ति का ही जय–जयकार किया जाता है। श्री हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य, सकल गुणों के निधान तथा तीनों लोकों को प्रकाशित करने वाले हैं, अतः यहाँ उनका जय–जयकार किया गया है।

व्याख्या – श्री हनुमान चालीसा में श्री हनुमान जी की स्तुति करने के बाद इस चौपाई में श्री तुलसीदास जी ने उनसे अन्तिम वरदान माँग लिया है कि हे हनुमान जी! आप मेरे हृदय में सदैव निवास करें।

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